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10 साल से 200 डॉग्स को खिला रहे खाना: लखनऊ में बेजुबानों का सहारा बने
नीलेश की कहानी: बोले- इंसान की फीलिंग्स समझते हैं कुत्ते

आज 'इंटरनेशनल डॉग डे' है। ऐसे में हम आपको लखनऊ के एक ऐसे व्यक्ति से परिचित करा रहे हैं, जो शहर के स्ट्रीट डॉग्स को रोजाना खाना खिलाते हैं। इंदु ग्राम सेवा संस्थान (IGSS) के अध्यक्ष नीलेश वाजपेयी प्रतिदिन 200 स्ट्रीट डॉग्स को भोजन कराते हैं। यह काम वे पिछले 10 साल से कर रहे हैं।

'इंटरनेशनल डॉग डे' के मौके पर नीलेश वाजपेयी ने दैनिक भास्कर से बात की। उन्होंने बताया, "अगर जानवरों में से कोई इंसानों की भावनाओं को सबसे ज्यादा समझता है, तो वह डॉग्स ही हैं। इंसान और डॉग्स के बीच भावनात्मक रिश्ता जुड़ता है।"

उन्होंने कहा, "जरूरत इस बात की है कि हम डॉग्स को समझें। कभी उनके ऊपर हमला करने की कोशिश न करें। अक्सर लोग कुत्तों को देखकर पहले से ही जज कर लेते हैं कि यह हमें काट लेगा। मानसिक तौर पर हम कुत्ते पर हमला करने के लिए तैयार हो जाते हैं, लेकिन हमें ऐसा नहीं करना चाहिए।"


लखनऊ के नीलेश वाजपेयी ने कहा, "कुत्तों के प्रति हमें संवेदनशील होना चाहिए।"


10 वर्षों से स्ट्रीट डॉग्स की सेवा कर रहे

नीलेश वाजपेयी ने बताया कि स्ट्रीट डॉग्स को भोजन कराना और सड़क हादसे में या किसी अन्य तरीके से घायल कुत्तों का इलाज कराना उन्होंने 10 साल पहले शुरू किया था। पहले वह यह काम अकेले करते थे और लगभग 5 सालों तक अपनी पॉकेट मनी से गोमती नगर और उसके आसपास के क्षेत्रों में स्ट्रीट डॉग्स को भोजन कराते थे।

अगर सड़क पर कोई घायल कुत्ता मिलता था, तो उसका इलाज भी कराते थे। लंबे समय तक वह इस कार्य को अकेले ही करते रहे, फिर धीरे-धीरे दोस्त और अन्य लोग इसमें जुड़ गए। इस काम को बेहतर तरीके से करने के लिए उन्होंने IGSS नाम का एक NGO बनाया।

उन्होंने बताया, "हमने अपने काम की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे लोगों ने सपोर्ट किया और आज हमारी 9 लोगों की टीम है। सोशल मीडिया के माध्यम से लोग कुत्तों से संबंधित जानकारी साझा करने लगे हैं। अब कुत्तों की मदद का सिलसिला तेजी से आगे बढ़ रहा है।"

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लखनऊ में स्ट्रीट डॉग्स को भोजन कराते हैं नीलेश वाजपेयी ।


200 डॉग्स को प्रतिदिन भोजन कराते हैं

नीलेश वाजपेयी ने बताया कि कोरोना काल में भी उनकी टीम गोमती नगर समेत अन्य कई क्षेत्रों में स्ट्रीट डॉग्स को भोजन कराती थी। वर्तमान में प्रतिदिन 200 डॉग्स को उनकी संस्था द्वारा भोजन कराया जाता है। रोज 20 किलो भोजन तैयार किया जाता है।

संस्था द्वारा डॉग्स के भोजन पर प्रति माह 30,000 रुपए खर्च किए जाते हैं। इसके अलावा जो घायल कुत्ते मिलते हैं, उनका इलाज भी कराया जाता है।


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किसी डॉग को चोट लग जाती है तो नीलेश का NGO इलाज भी कराता है।


बच्चों को डॉग्स के प्रति संवेदनशील बनाएं

नीलेश वाजपेयी ने कहा कि हमारे समाज के लोगों को जानवरों के प्रति अपनी संवेदनशीलता को बढ़ाना चाहिए। ये स्ट्रीट डॉग्स भी हमारे समाज का हिस्सा हैं और अंधेरी रातों में हमारी सुरक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं। मैं अभिभावकों से अपील करूंगा कि छोटे बच्चों को डॉग्स के प्रति संवेदनशील बनाएं।

डॉग्स किसी व्यक्ति पर तब तक हमला नहीं करते, जब तक उन्हें परेशान न किया जाए। इसलिए यह आवश्यक है कि बच्चों को डॉग्स के व्यवहार के बारे में सही जानकारी दी जाए। जब बच्चों को सही जानकारी होगी, तो उनके मन में कुत्तों के प्रति जो डर है, वह खत्म हो जाएगा।

नीलेश ने कहा कि हर माता-पिता को बच्चों को सिखाना चाहिए कि कुत्तों की मदद करनी चाहिए।

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नीलेश कहते हैं कि हर माता-पिता बच्चों को बताएं कि कुत्तों की मदद करनी चाहिए।


1 रोटी देना सबकी जिम्मेदारी

नीलेश ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि यह हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि अपने आसपास के डॉग्स समेत अन्य जानवरों का ध्यान रखें। दिन भर में कम से कम एक रोटी उन्हें भोजन के रूप में अवश्य दें।

उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम में डॉग्स अक्सर चारपहिया गाड़ियों के नीचे बैठ जाते हैं, इसलिए वाहन निकालने से पहले नीचे जरूर चेक कर लें। दोपहिया वाहन चालक भी सड़क पर डॉग्स का विशेष ध्यान रखें। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर हम अपने समाज के बेजुबान जानवरों की मदद कर सकते हैं।

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